डायबिटीज में उलझन और बेचैनी क्यों होती है?

डायबिटीज सिर्फ शुगर लेवल का नाम नहीं है, बल्कि यह शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। डायबिटीज के मरीजों में उलझन और बेचैनी जैसी मानसिक और शारीरिक समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। डॉ. सुनंदा साहू (BNYS) के अनुसार, ये लक्षण डायबिटीज की जटिलताओं या असंतुलित ब्लड शुगर के कारण हो सकते हैं।
उलझन और बेचैनी के कारण
- ब्लड शुगर का असंतुलन: हाई या लो शुगर लेवल दिमाग की कोशिकाओं को प्रभावित करता है जिससे भ्रम और बेचैनी हो सकती है।
- न्यूरोपैथी (नर्व डैमेज): लंबे समय तक डायबिटीज होने पर नर्व डैमेज से न सिर्फ दर्द होता है बल्कि बेचैनी और घबराहट भी बढ़ सकती है।
- हार्मोनल बदलाव: डायबिटीज हार्मोन को प्रभावित करता है, जो मूड और मानसिक स्थिति को बिगाड़ सकता है।
- तनाव और चिंता: लगातार बीमारी के कारण मानसिक तनाव और डिप्रेशन भी उलझन और बेचैनी का कारण बनते हैं।
कैसे करें सुधार?
- नियमित ब्लड शुगर जांच करें और डॉक्टर के निर्देशानुसार दवा लें।
- संतुलित आहार और रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
- ध्यान (मेडिटेशन) और योग से मानसिक तनाव कम करें।
- डॉ. सुनंदा साहू (BNYS) की सलाह के अनुसार, नैचुरल हर्बल सप्लीमेंट और काउंसलिंग भी मददगार हो सकते हैं।
डॉ. सुनंदा साहू (BNYS) का संदेश
“डायबिटीज के दौरान मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरह की समस्याएं हो सकती हैं। उलझन और बेचैनी को नजरअंदाज न करें। नियमित जांच, सही खानपान, योग और मानसिक ध्यान से इन समस्याओं को कम किया जा सकता है।”
डिस्क्लेमर: यह सामान्य जानकारी है। डायबिटीज से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।