क्या डायबिटीज में मीठा बिलकुल बंद करना जरूरी है? जानें विशेषज्ञ की राय

डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। ऐसे में सबसे पहला सवाल जो लोगों के मन में आता है — “क्या मीठा खाना अब पूरी तरह बंद कर देना चाहिए?”। आइए इस सवाल का जवाब लेते हैं प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. सुनंदा साहू (BNYS) की राय के साथ।
मीठा खाना – क्या हमेशा के लिए ‘ना’ कहना जरूरी है?
डॉ. साहू बताती हैं कि, “डायबिटीज का मतलब यह नहीं कि आपको जिंदगीभर का हर मीठा चीज छोड़ना होगा, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि आप हर दिन मिठाई या मीठे पेय पीते रहें।”
इसका मतलब है कि चीनी (रेफाइंड शुगर) को सीमित करना जरूरी है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाती है। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि आपको फल, ड्राई फ्रूट्स या नेचुरल स्वीटनर जैसे विकल्पों को पूरी तरह त्यागना होगा।
किन चीजों से दूरी बनाना जरूरी है?
- बाजार में मिलने वाली मिठाइयां और बेक्ड फूड्स
- कोल्ड ड्रिंक्स, पैकेज्ड जूस और मीठे एनर्जी ड्रिंक्स
- चीनी युक्त चाय-कॉफी
इन सभी में हाई ग्लायसेमिक इंडेक्स होता है, जो शरीर में अचानक शुगर की मात्रा बढ़ाता है।
क्या खा सकते हैं डायबिटिक मरीज?
डॉ. सुनंदा साहू बताती हैं कि कुछ नेचुरल और लो-ग्लाइसेमिक विकल्प हैं जिन्हें सीमित मात्रा में लिया जा सकता है:
- फ्रूट्स: जामुन, अमरूद, सेब, नाशपाती
- ड्राई फ्रूट्स: बादाम, अखरोट, फ्लैक्स सीड्स (बिना शक्कर के)
- नेचुरल स्वीटनर: स्टेविया, गुड़ (बहुत सीमित मात्रा में)
लेकिन हर इंसान की बॉडी अलग तरह से रिएक्ट करती है, इसलिए जरूरी है कि किसी भी नए खाद्य विकल्प को शामिल करने से पहले ब्लड शुगर की निगरानी की जाए।
शुगर की क्रेविंग कैसे कंट्रोल करें?
डॉ. साहू बताती हैं कि डायबिटीज में मीठे की तलब होना सामान्य बात है, खासतौर पर जब आप शुरुआत में डायबिटिक डाइट पर आते हैं। इसे कंट्रोल करने के कुछ उपाय हैं:
- छोटे-छोटे भोजन अंतराल में खाएं ताकि ब्लड शुगर स्थिर रहे
- नींबू पानी या ग्रीन टी का सेवन करें
- दालचीनी पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर पीना फायदेमंद होता है
- रोज़ाना हल्की एक्सरसाइज करें – जैसे वॉक या योग
क्या डायबिटीज में कभी-कभी मिठा खा सकते हैं?
हाँ, अगर आपकी ब्लड शुगर रिपोर्ट कंट्रोल में है और आप नियमित रूप से डॉक्टर की निगरानी में हैं, तो किसी त्योहार या खास मौके पर आप सीमित मात्रा में कुछ मीठा ले सकते हैं — वो भी घर पर बना हुआ और नेचुरल इंग्रीडिएंट्स से तैयार।
निष्कर्ष:
डायबिटीज का मतलब जिंदगीभर मिठास से दूरी नहीं, बल्कि स्मार्ट और संतुलित चुनाव करना है। डॉ. सुनंदा साहू (BNYS) कहती हैं, “अगर आप अपने खानपान को समझदारी से चुनते हैं, नियमित व्यायाम करते हैं और स्ट्रेस को कंट्रोल में रखते हैं, तो डायबिटीज को भी नियंत्रण में रखा जा सकता है।”
इसलिए अगली बार जब आपका मन मिठा खाने का हो, तो खुद से पूछें — “क्या ये सेहत के साथ समझौता है या स्मार्ट चॉइस?”