PFAS केमिकल्स और डायबिटीज़ का कनेक्शन: 2025 की रिसर्च से मचा हड़कंप

डॉ. सुनंदा साहू (Diabetes Specialist) | Updated: 22 जुलाई 2025
क्या आप जानते हैं कि आपके नॉन-स्टिक तवे, प्लास्टिक पैकिंग या वाटरप्रूफ जैकेट्स में छुपा एक केमिकल आपकी सेहत पर गंभीर असर डाल सकता है? अमेरिका की Mount Sinai School of Medicine की लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, PFAS (Forever Chemicals) आपके टाइप 2 डायबिटीज़ के जोखिम को 60% से भी ज़्यादा बढ़ा सकते हैं।
PFAS: ये क्या हैं और क्यों हैं खतरनाक?
PFAS का मतलब है Per- and Polyfluoroalkyl Substances। ये ऐसे केमिकल्स हैं जो वर्षों तक हमारे शरीर और पर्यावरण में बने रहते हैं। इन्हें आमतौर पर नॉन-स्टिक बर्तन, पैक्ड फूड, वाटरप्रूफ प्रोडक्ट्स और अग्निशमन फोम में इस्तेमाल किया जाता है।
2025 की बड़ी खोज: डायबिटीज़ के साथ गहरा रिश्ता
22 जुलाई 2025 को प्रकाशित अध्ययन में 5,000 अमेरिकी नागरिकों के ब्लड और यूरिन सैंपल लिए गए। जिन लोगों के शरीर में PFAS की मात्रा अधिक थी, उनमें टाइप 2 डायबिटीज़ होने की संभावना 64% तक अधिक पाई गई।
“PFAS अब सिर्फ पर्यावरणीय खतरा नहीं है, यह आपके ब्लड शुगर को भी साइलेंट तरीके से प्रभावित कर सकता है।” – Dr. Sunanda Sahu
भारत में भी खतरा बढ़ रहा है
हालांकि यह रिसर्च अमेरिका में हुई, लेकिन भारत भी इस खतरे से अछूता नहीं है। IIT Delhi और WHO की रिपोर्टों में दिल्ली और मुंबई के जल स्रोतों में PFAS पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है।
PFAS शरीर पर कैसे असर डालते हैं?
- इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ाते हैं
- हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं
- ब्लड शुगर को नियंत्रित करना मुश्किल बनाते हैं
- लीवर और किडनी पर भी असर डालते हैं
Dr. Sunanda Sahu की सलाह
डॉ. साहू सलाह देती हैं कि हर व्यक्ति PFAS एक्सपोज़र को कम करने के लिए इन आदतों को अपनाए:
- नॉन-स्टिक बर्तनों की जगह स्टील या कास्ट आयरन बर्तन चुनें
- पैक्ड फूड और प्लास्टिक स्टोरेज से दूरी बनाएं
- RO water purifier में एडवांस्ड PFAS फ़िल्टर लगवाएं
- हर 6 महीने में ब्लड शुगर और किडनी फ़ंक्शन टेस्ट करवाएं
क्या भारत तैयार है?
आज जब भारत पहले ही डायबिटीज़ की राजधानी बन चुका है, PFAS जैसे साइलेंट केमिकल्स से जुड़ी चेतावनी और भी अहम हो जाती है।
सरकार और आम जनता को मिलकर PFAS एक्सपोज़र कम करने की दिशा में कदम उठाने होंगे, नहीं तो आने वाले सालों में टाइप 2 डायबिटीज़ के मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल शैक्षणिक उद्देश्य से है। किसी भी हेल्थ निर्णय से पहले कृपया अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।