
Teenagers में PCOS के संकेत: माता-पिता ज़रूर जानें ये अलार्मिंग लक्षण
क्या आपकी बेटी को बार-बार मुंहासे हो रहे हैं? पीरियड्स समय पर नहीं आ रहे? वजन बढ़ता जा रहा है?
अगर हां, तो ये सिर्फ टीनएज का ‘नॉर्मल फेज़’ नहीं हो सकता — ये हो सकता है PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) का शुरुआती संकेत।
👧 PCOS क्या है और क्यों होता है टीनएजर्स में?
PCOS एक हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसमें अंडाशय में छोटी-छोटी सिस्ट बन जाती हैं और शरीर में हार्मोनल असंतुलन शुरू हो जाता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 12 से 18 साल की लड़कियों में इसकी शुरुआत सबसे पहले होती है — और अक्सर पहचान नहीं पाई जाती।
🚨 माता-पिता को किन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए?
- अनियमित पीरियड्स: कई महीनों तक पीरियड न आना या बहुत कम आना
- चेहरे और शरीर पर ज्यादा मुंहासे: खासकर ठोड़ी और जबड़े के आसपास
- अचानक वजन बढ़ना: बिना किसी बदलाव के वजन का तेज़ी से बढ़ना
- चेहरे या शरीर पर अनचाहे बाल: पुरुषों जैसी हेयर ग्रोथ होना
- स्किन का डार्क होना: गर्दन या बगल में काली पट्टियां
- बाल झड़ना या पतले होना: खासकर सिर के बीच वाले हिस्से में
- मूड स्विंग्स और डिप्रेशन: टीनएज में असामान्य इमोशनल बदलाव
🔍 क्यों होती है देरी पहचान में?
PCOS के लक्षण अक्सर टीनएज की सामान्य समस्याओं जैसे मुंहासे या अनियमित पीरियड्स जैसे दिखते हैं — इसलिए पैरेंट्स इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन सही समय पर पहचानना और इलाज करवाना बहुत ज़रूरी है ताकि आगे चलकर बच्ची को इंफर्टिलिटी, डायबिटीज और डिप्रेशन
🩺 डॉक्टर से कब मिलें?
अगर आपकी बेटी को:
- लगातार 3 महीने से पीरियड नहीं आए हैं
- मुंहासे दवाइयों से भी नहीं ठीक हो रहे
- वजन काबू में नहीं आ रहा
- शरीर पर अचानक बाल आने लगे हैं
तो तुरंत गायनेकोलॉजिस्ट या एंडोक्राइनोलॉजिस्ट से सलाह लें।
🧘♀️ शुरुआती समाधान क्या है?
- बिटिया को जंक फूड से दूर रखें और हेल्दी डाइट दें
- रोजाना 30 मिनट कोई एक्टिविटी या योग करवाएं
- स्क्रीन टाइम कम कराएं और नींद पूरी होने दें
- उसके साथ खुलकर बात करें ताकि वो अपनी बॉडी चेंजेस को शेयर कर सके
🎯 निष्कर्ष: जागरूक पैरेंट्स ही बचा सकते हैं भविष्य
PCOS कोई बड़ी बीमारी नहीं, लेकिन अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये आगे चलकर बेटी की सेहत, मानसिक स्थिति और फर्टिलिटी
इसलिए जागरूक रहें, हर बदलाव को नोट करें और जरूरत पड़ने पर बिना झिझक डॉक्टर से मिलें।
लेखिका: डॉ. सुनंदा साहू (BNYS)
किशोरियों में PCOS विशेषज्ञ और नेचुरल थैरेपी एडवोकेट