PCOS और नाइट स्वेट्स – क्या चल रहा है आपके शरीर में?

अगर आपको रात में नींद के बीच पसीना-पसीना हो जाने की शिकायत है और आप PCOS से भी जूझ रही हैं, तो यह लेख आपके लिए है। कई महिलाओं को यह समझ नहीं आता कि नाइट स्वेट्स (रात में अत्यधिक पसीना आना) और PCOS का क्या कनेक्शन है। चलिए, इसपर रोशनी डालते हैं।
PCOS क्या है?
PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) एक हार्मोनल असंतुलन है जिसमें महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) की मात्रा बढ़ जाती है। इसका असर पीरियड्स, वजन, चेहरे के बाल, मूड और नींद की गुणवत्ता पर भी होता है।
नाइट स्वेट्स क्यों होते हैं?
नाइट स्वेट्स आमतौर पर तब होते हैं जब शरीर का तापमान कंट्रोल करने वाली प्रणाली असंतुलित हो जाती है। PCOS के कारण हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का स्तर गड़बड़ा सकता है, जिससे शरीर की थर्मल रेगुलेशन बिगड़ जाती है और आप नींद में पसीने से तर हो जाती हैं।
PCOS और हार्मोनल इंबैलेंस का असर
- एस्ट्रोजन की कमी या उतार-चढ़ाव शरीर को ‘फाइट या फ्लाइट’ मोड में ला सकता है
- थायरॉयड की गतिविधि भी प्रभावित होती है, जिससे पसीना आ सकता है
- इंसुलिन रेसिस्टेंस भी शरीर के तापमान को प्रभावित कर सकता है
आपको क्या करना चाहिए?
Dr. Sunanda Sahu (BNYS) बताती हैं कि रात में पसीना आना केवल मौसम या बेडिंग का असर नहीं है – यह एक गहरे हार्मोनल संकेत हो सकता है। कुछ आसान कदम जो आप ले सकती हैं:
- रात का खाना हल्का रखें – ज्यादा तला, मीठा या मसालेदार खाने से बचें
- कैफीन और एल्कोहॉल से दूरी – यह शरीर को गर्म कर सकते हैं
- योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज – शरीर और दिमाग को शांत करती हैं
- बायोनीचरल थैरेपी और नेचुरल मेडिसिन – PCOS को जड़ से ठीक करने में मददगार हो सकती हैं
कब डॉक्टर से मिलें?
अगर आपको बार-बार रात में पसीना आता है, खासकर जब इसके साथ हार्टबीट बढ़ना, मूड स्विंग्स, या अचानक गर्मी महसूस होना शामिल हो, तो किसी नेचुरोपैथिक डॉक्टर या हार्मोन स्पेशलिस्ट से मिलना जरूरी है।
PCOS और नाइट स्वेट्स दोनों मिलकर आपकी नींद और मानसिक स्थिति पर गहरा असर डाल सकते हैं। अच्छी खबर ये है – इसे मैनेज किया जा सकता है!
लेखिका: Dr. Sunanda Sahu (BNYS)