PCOS और इंसुलिन रेसिस्टेंस – जानिए जरूरी बातें

Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) एक ऐसा हार्मोनल डिसऑर्डर है जो महिलाओं में अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, एक्ने और इनफर्टिलिटी जैसे लक्षणों के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका एक बड़ा कारण इंसुलिन रेसिस्टेंस भी होता है?
Dr. Sunanda Sahu (BNYS) के अनुसार, “PCOS से पीड़ित लगभग 70% महिलाएं इंसुलिन रेसिस्टेंस से जूझती हैं, और यही उन्हें भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज़ की ओर भी ले जा सकता है।”
इंसुलिन रेसिस्टेंस क्या है?
इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। जब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देती हैं, तो इसे इंसुलिन रेसिस्टेंस कहा जाता है। इस स्थिति में शरीर ज्यादा इंसुलिन बनाता है, जिससे:
- अंडाशय टेस्टोस्टेरोन अधिक बनाने लगता है
- पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं
- वजन तेजी से बढ़ता है
- त्वचा पर डार्क पैच और फुंसियाँ हो सकती हैं
PCOS में इंसुलिन रेसिस्टेंस कैसे बढ़ता है?
शरीर में फैट का बढ़ना, खासकर पेट के आसपास, हार्मोनल असंतुलन को और बिगाड़ता है। जो महिलाएं कम शारीरिक गतिविधि करती हैं या जिनकी डाइट प्रोसेस्ड फूड्स से भरपूर होती है, उनमें यह समस्या और तेज हो सकती है।
क्या लक्षण दिख सकते हैं?
- बार-बार भूख लगना
- थकान और सुस्ती
- गर्दन, बगल, या जांघों के पास काली त्वचा
- वजन कम न होना, भले ही डाइटिंग करें
कैसे करें नियंत्रण?
1. कम ग्लाइसेमिक डाइट लें
जैसे ओट्स, बाजरा, दालें और हरी सब्जियाँ। सफेद आटा और मीठे पदार्थों से दूरी रखें।
2. नियमित व्यायाम
हफ्ते में कम से कम 5 दिन, 30 मिनट वॉक या योग करें। इससे इंसुलिन सेंसेटिविटी बढ़ती है।
3. वजन नियंत्रित करें
सिर्फ 5-10% वजन कम करने से पीरियड्स नियमित हो सकते हैं और इंसुलिन रेसिस्टेंस भी घटता है।
4. आयुर्वेद और नेचुरोपैथी अपनाएं
Dr. Sunanda बताती हैं कि मेथी, त्रिफला, गिलोय जैसे हर्ब्स ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
क्या टेस्ट कराना चाहिए?
अगर PCOS के साथ थकान, वजन बढ़ना, एक्ने और स्किन डार्कनेस जैसी समस्याएं हैं, तो फास्टिंग इंसुलिन और HbA1c टेस्ट जरूर कराएं। ये आपके इंसुलिन और ब्लड शुगर कंट्रोल को दर्शाते हैं।
निष्कर्ष
PCOS और इंसुलिन रेसिस्टेंस का संबंध गहरा है। अगर सही समय पर इस पर ध्यान ना दिया जाए, तो यह स्थिति भविष्य में डायबिटीज़ और अन्य गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है। लाइफस्टाइल सुधार, सही आहार और प्राकृतिक उपचारों से आप इसे पूरी तरह कंट्रोल कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए कृपया योग्य डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।