क्या Ozempic से डाइबिटीज़ और बुढ़ापे की याददाश्त दोनों सुधर सकते हैं?

आज के दौर में डाइबिटीज़ केवल एक बीमारी नहीं रही, बल्कि यह एक लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुकी है। हर घर में कोई ना कोई व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है। लेकिन हाल ही में आई एक नई स्टडी ने लोगों को चौंका दिया है — डाइबिटीज़ की दवाएं जैसे Ozempic और Wegovy अब न केवल ब्लड शुगर कंट्रोल कर रही हैं, बल्कि याददाश्त कमजोर होने यानी Dementia
क्या कहती है रिसर्च?
आयरलैंड में हुई एक नई मेडिकल स्टडी के मुताबिक, GLP-1 receptor agonists जैसे Ozempic, Wegovy और Mounjaro लेने वाले डाइबिटीज़ मरीजों में डिमेंशिया का खतरा 45% तक कम देखा गया। यानी जो लोग इन दवाओं का नियमित सेवन कर रहे हैं, वे ना केवल अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रख पा रहे हैं, बल्कि बुढ़ापे में आने वाली याददाश्त की समस्या से भी काफी हद तक बचे हुए हैं।
डॉ. सुनंदा साहू की राय
दिल्ली की जानी-मानी एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. सुनंदा साहू कहती हैं: “GLP-1 ग्रुप की दवाएं, जैसे Ozempic और Wegovy, केवल ग्लूकोज लेवल ही नहीं घटातीं, बल्कि मस्तिष्क की सूजन को भी कम करती हैं। जिससे Alzheimer और डिमेंशिया जैसे neurodegenerative रोगों से बचाव संभव हो सकता है।”
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, “यह शोध हमारे लिए बेहद अहम है। हमें अब डाइबिटीज़ को सिर्फ एक ब्लड शुगर की बीमारी समझने की बजाय एक systemic issue मानना होगा।”
GLP-1 दवाएं कैसे काम करती हैं?
GLP-1 (Glucagon-like peptide-1) दवाएं शरीर में इंसुलिन की सक्रियता बढ़ाकर ब्लड शुगर कंट्रोल करती हैं। साथ ही ये दवाएं भूख को भी कम करती हैं, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। रिसर्च बताती है कि इन दवाओं का मस्तिष्क पर भी पॉजिटिव असर होता है – खासतौर पर ब्रेन की सूजन को कम करना और न्यूरॉन्स को एक्टिव रखना।
क्यों ये खबर है वायरल?
इस खबर के वायरल होने की कई वजह हैं:
- डाइबिटीज़ + Alzheimer की दो सबसे कॉमन उम्र बढ़ने वाली बीमारियों के बीच संबंध मिलना।
- Ozempic जैसी दवाएं पहले से ही weight loss के लिए वायरल हैं।
- अब उनका नया benefit सामने आना लोगों को हैरान कर रहा है।
भारत में इसका क्या असर हो सकता है?
भारत में अभी भी बहुत से लोग GLP-1 आधारित दवाओं से अनजान हैं। इन दवाओं की कीमत थोड़ी ज्यादा है, लेकिन अगर ये डाइबिटीज़ के साथ-साथ भूलने की बीमारी को भी टाल सकती हैं, तो भविष्य में ये दवाएं और अधिक लोकप्रिय हो सकती हैं। खासतौर पर ऐसे परिवारों में जहां माता-पिता या दादा-दादी को Alzheimer या याददाश्त की बीमारी हो चुकी है।
क्या ये दवाएं सभी के लिए सुरक्षित हैं?
डॉ. सुनंदा साहू के अनुसार, ये दवाएं डॉक्टर की निगरानी में ही लेनी चाहिए। “हर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री अलग होती है। किसी को thyroid की दिक्कत हो सकती है, किसी को हार्ट प्रॉब्लम। इसलिए Ozempic या Wegovy लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है।”
निष्कर्ष
डाइबिटीज़ की GLP-1 दवाएं अब केवल ब्लड शुगर कंट्रोल तक सीमित नहीं रहीं। Dementia जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव की उम्मीद से यह मेडिकल साइंस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
अगर आपके परिवार में कोई डाइबिटीज़ का मरीज़ है और आप Alzheimer जैसे रोगों को लेकर चिंतित हैं, तो यह नई जानकारी उनके लिए वरदान साबित हो सकती है।
Disclaimer: यह ब्लॉग केवल जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी प्रकार की दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।