शुगर को जड़ से खत्म करने के लिए क्या खाएं? – डॉ. सुनंदा साहू (BNYS)

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आज का हमारा सवाल उतना ही सरल है जितना कि ज़िंदगी बदलनेवाला – “शुगर को जड़ से खत्म करने के लिए वास्तव में हमें क्या खाना चाहिए?” इस सवाल के पीछे लाखों डायबिटिक मरीजों की आशा बँधी है, जो केवल ब्लड शुगर कंट्रोल से आगे, एक जनरल, हेल्दी लाइफ जीने की चाह रखते हैं। हमने इस पर विस्तार से बात की जाने‑माने नेचुरोपैथ और योगचिकित्सक डॉ. सुनंदा साहू (BNYS) से।
डॉ. साहू का मानना है कि शुगर का इलाज सिर्फ दवाओं से हो सका यह संभव नहीं। उनके अनुसार, जो भोजन हम रोज़ खाते हैं, वही हमारी सबसे बड़ी दवा है – या कहें कि वो हमारा सबसे बड़ा जहरीला तत्व भी बन सकता है। जब तक हम भोजन को बदलेंगे नहीं, तब तक शुगर की समस्याएँ भी यहीं टिकी रहेंगी।
“भोजन में जितना सहभागी बदलाव आप करेंगे, उतनी ही जल्दी शरीर की प्रकृति खुद ही शुगर को मिटाने की दिशा में काम करती है।” – डॉ. सुनंदा साहू
आइए अब विस्तार से जानें क्या-क्या खाना चाहिए, कितना और कैसे – ताकि शुगर को सिर्फ नियंत्रित करने से आगे, आपने उसे जड़ से खत्म किया जा सके:
प्राकृतिक, संपूर्ण अनाज और अंकुरित दाने
डॉ. साहू कहती हैं कि हम अक्सर सफेद चावल, ब्रेड और मैदे की चीजें अत्यधिक मात्रा में खा लेते हैं। ये फूड्स बी पी पीक बढ़ाते हैं और इंसुलिन रेसिस्टेंस को बढ़ावा देते हैं। इसके बदले, जौ, बाजरा, रागी, रागी या भिगोए हुए चने और अंकुरित मूँग जैसे अनाज और दालों को प्राथमिकता दी जाए। अंकुरित दाने में एनजाइम सक्रिय होते हैं, टाइप-2 डायबिटीज़ को रिवर्स करने की शक्ति होती है, और ये आपके ग्लाइसेमिक इंडेक्स को धीमा करती हैं।
हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ और मौसमी फल
पालक, मेथी, सरसों, मेथी की भाजी, बथुआ – ये सिर्फ विटामिन और मिनरल से भरपूर नहीं, बल्कि फाइबर से भी ज़ोरों से लबरेज़ होती हैं। वहाँ सलाद के रूप में ककड़ी, टमाटर, गाजर और मौसमी फलों जैसे कटहल, सेब, नाशपाती को शामिल करना महत्वपूर्ण है। अक्सर लोग फल को “फ्रूट” समझ कर ढेर खाते हैं, लेकिन डॉ. साहू इसे हद में लेने की सलाह देती हैं ताकि शुगर बैलेंस भी बना रहे।
स्वस्थ फैट्स – नॉन-रिफाइंड और संतुलित
शुगर वाले व्यक्ति अक्सर रिफाइंड तेल और घी से दूरी बना लेते हैं, लेकिन डॉ. साहू बताती हैं कि नारियल का जैविक तेल, जैतून का तेल और कुछ मात्रा में देसी घी आवश्यक हैं। ये हेल्दी फैट्स इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाते हैं और शरीर को पौष्टिक ऊर्जा प्रदान करते हैं। पर ध्यान रहें – मात्रा कम रखें, और सेलाइसा ताप पर न करें।
औषधीय जड़ी‑बूटियां और सुपरफूड्स
डॉ. साहू का अनुभव बताता है कि मेथी, गिलोय, तुलसी, दालचीनी जैसे जड़ी-bhootiyaan शुगर सुधारने में अद्भुत भूमिका निभाती हैं। उदाहरण के लिए, रोज़ाना खाने में आधा चम्मच दालचीनी मिलाएं, या थोड़ी तुलसी की पत्तियाँ चबाएँ। दिनभर में 2–3 लौंग लहसुन खाने से भी ब्लड शुगर में स्थिरता देखने को मिलती है।
पर्याप्त पानी और देसी योग – बॉडी को एक्टिव बनाना
हम अक्सर पानी न पीकर शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं, जिससे शुगर कंट्रोल मुश्किल हो जाता है। डॉ. साहू की सलाह है – दिन में कम से कम 2.5–3 लीटर पानी पीएं, उसमें नींबू, पुदीना, आंवले का रस मिला सकते हैं। साथ ही सुबह-शाम मेडिटेशन, हल्की वॉक और योग जैसे सूर्य नमस्कार, अनुलोम-विलोम को अपनाएं। भोजन जितना शुद्ध हो, शरीर उतना चलता रहे – यही कुंजी है।
समग्र बदलाव के साथ संयम
हमारी संस्कृति का एक बड़ा हिस्सा है तीज-त्योहार, पकवान और पकाने के तरीके। लेकिन डॉ. साहू बताती हैं कि संयम से काम लेना ज़रूरी है – मिठाई, तेल-तली चीज़ें और बाहर का खाना समय‑समय पर थोड़ा लीजिए, लेकिन रोज़मर्रा की दिनचर्या में उसे जगह न दें।
निष्कर्ष
शुगर को जड़ से खत्म करना साधारण नहीं, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है। यह तभी संभव हो पाएगा जब आप भोजन को अपनाएँ, अपनी दिनचर्या में शुद्धता लाएँ, और इन्हें स्थिर बनाए रखें। डॉ. सुनंदा साहू के माद्यम से हम समझते हैं कि यह सफर सिर्फ ब्लड शुगर कंट्रोल तक सीमित नहीं, बल्कि एक पूर्ण स्वास्थ्य की दिशा में पहला कदम है।
नोट: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए तैयार किया गया है। कोई भी जीवनशैली या उपचार शुरू करने से पहले प्रमाणित BNYS डॉक्टर या आपके विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।